ONGC Oil Discoverie: भारत अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिकांश तेल और गैस का आयात करता है. हालांकि अब भारतीय कंपनी को बड़ी सफलता मिली है. भारत की सरकारी तेल एवं गैस कंपनी Oil and Natural Gas Corporation (ONGC) ने मुंबई ऑफशोर बेसिन में तेल और प्राकृतिक गैस के भंडार खोजे हैं. यह खोज देश में घरेलू उत्पादन बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है और साथ ही अन्य देशों पर निर्भरता को भी कम कर सकती है.

कहां हुई खोज

ONGC ने Open Acreage Licensing Policy (OALP) के तहत आवंटित दो ब्लॉक्स में यह खोज की है:

  • OALP-VI ब्लॉक MB-OSHP-2020/2 – यहां ‘सूर्यमणि’ नामक भंडार मिला है.
  • OALP-III ब्लॉक MB-OSHP-2018/1 – यहां ‘वज्रमणि’ नामक भंडार की पुष्टि हुई है.

कितना होगा उत्पादन

सूर्यमणि भंडार से (MBS202HAA-1) जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान किए गए परीक्षण में प्रतिदिन 2,235 बैरल तेल और 45,181 क्यूबिक मीटर गैस के उत्पादन की क्षमता पाई गई. इसके बाद, चालू तिमाही में उसी कुएं के दूसरे क्षेत्र का परीक्षण किया गया, जिसमें प्रतिदिन 413 बैरल तेल और 15,132 क्यूबिक मीटर गैस के उत्पादन की क्षमता सामने आई.वज्रमणि भंडार के एक अन्य कुएं (MBS181HNA-1) से प्रतिदिन 2,122 बैरल तेल और 83,120 क्यूबिक मीटर गैस प्राप्त हुई.

मुंबई ऑफशोर का महत्व

मुंबई ऑफशोर भारत के सबसे बड़े तेल और गैस क्षेत्रों में से एक है. यहां स्थित मुंबई हाई, बसीन, हीरा, नीलम और पन्ना-मुक्ता जैसे प्रमुख क्षेत्र देश की तेल एवं गैस आपूर्ति में अहम भूमिका निभाते हैं. वर्तमान में, मुंबई हाई से प्रतिदिन 1,34,000 बैरल तेल और 10 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन होता है.

KG बेसिन में भी सफलता

मुंबई ऑफशोर के अलावा, ONGC ने कृष्णा-गोदावरी (KG) बेसिन के ऑनलैंड ब्लॉक में भी तेल और गैस की खोज की है. यहां यंदापल्ली-1 कुएं से हाइड्रोकार्बन के संकेत मिले हैं.

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अहम कदम

भारत अपनी तेल की जरूरतों का 85 फीसदी से अधिक और प्राकृतिक गैस की आवश्यकता का लगभग 50 फीसदी आयात करता है. ONGC की यह नई खोज देश में energy safety को मजबूत करने में सहायक हो सकती है. हालांकि, अभी इन भंडारों के डेवलपमेंट और कमर्शियल प्रोडक्शन की समयसीमा स्पष्ट नहीं है.