झालावाड़ स्कूल हादसा: शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का ऐलान, मृतक बच्चों के परिजनों को 10 लाख और संविदा पर नौकरी
Jhalawar School Collapses Update : राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में हुए स्कूल हादसे पर बड़ा एलान किया है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा मृतक बच्चों के परिवार वालों को 10 लाख रुपए और संविदा पर नौकरी दी जाएगी। नए बनने वाले विद्यालय भवन में क्लास रूम (कक्षा कक्ष) का नाम मृतक बच्चों के नाम पर रखा जाएगा। मदन दिलावर झालावाड़ के एसआरजी हॉस्पिटल में भर्ती 11 घायल बच्चों से शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने मुलाकात की थी।
उपचार के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अपने सोशल मीडिया अंकाउट पर लिखा कि झालावाड़ जिले में विद्यालय की छत गिरने से मासूम विद्यार्थियों की दुःखद मृत्यु एवं घायल हुए बच्चों से झालावाड़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाकर मिला एवं चिकित्सकों को उनके समुचित एवं त्वरित उपचार के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने 2 घोषणाएं की
मदन दिलावर ने आगे लिखा कि सीएम भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा इस हृदयविदारक दुर्घटना के पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है। मृतक विद्यार्थियों के परिजनों को ₹10 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, साथ ही एक परिजन को संविदा आधार पर रोजगार देने का निर्णय लिया गया है। इसके अतिरिक्त, प्रस्तावित नए विद्यालय भवन में बनने वाले कक्षा-कक्षों का नाम दिवंगत विद्यार्थियों के नाम पर रखा जाएगा, जिससे उनकी स्मृति सदैव के लिए संजोई जा सके।
मदन दिलावर ने दुख प्रकट किया
मदन दिलावर ने लिखा कि ईश्वर दिवंगत बच्चों की आत्मा को शांति प्रदान करें एवं शोकाकुल परिजनों को इस अपार दुःख को सहने की शक्ति दें।
गांव पिपलोदी किया गया अंतिम संस्कार
राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में शुक्रवार सुबह हुए एक सरकारी स्कूल की जर्जर भवन की छत गिरने से 7 मासूम बच्चों की मौत हो गई। जबकि 11 गंभीर घायल बच्चों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। गांव में मातम का माहौल है। मृतक बच्चों के परिजन गम में डूबे हुए हैं। गांव पिपलोदी में आज शनिवार को 6 बच्चों की अंत्येष्टि की गई, जबकि एक बच्चे को पास के गांव चांदपुरा भीलान ले जाया गया। पांच चिताओं पर छह बच्चों का अंतिम संस्कार किया गया। जिन बच्चों की मौत हुई है उनमें से अधिकांश की उम्र 7 से 10 साल के बीच है।